याद करने की प्रक्रिया

 याद करने की प्रक्रिया



 वस्तुओं में रुचि का हमारी स्मृति के लिए बहुत अधिक महत्व होता है लेकिन प्राप्त करने के साधन भी समान रूप से महत्त्वपूर्ण हैं । हमें आंख का मस्तिष्क रखने वालों , कान का मस्तिष्क रखने वालों तथा मांसपेशी की धड़कन का मस्तिष्क रखने वालों के बीच अंतर करना होगा | हम आंख के मस्तिष्क वाला व्यक्ति उसे कहेंगे यदि वह आंखों से देखी गई चीजों को सबसे अच्छी तरह से याद रखता हैं हम कान के मस्तिष्क वाला व्यक्ति उसे कहेंगे यदि वह कानों के माध्यम से सुनकर चीजों को सबसे अच्छी तरह से याद रखता है । हम मांसपेशी की हरकत का मस्तिष्क रखने वाला उसे कहेंगे जो एक विशेष कार्य को स्वयं करके सबसे अच्छी तरह से सीखता है जैसे लिखकर , कोई वाद्ययंत्र बजाकर या शरीर पर कोई गति करके जैसे पिन चुभाकर या किसी कीटाणु के डंक से स्वयं को कटवा कर । यह स्पष्ट ही है कि आंख के मस्तिष्क वाला व्यक्ति सबसे अधिक लाभ प्राप्त करता है क्योंकि यह पुस्तकों में छपे शब्दों को पढ़ सकता है और उसकी स्मृति छपे हुए शब्दों , वाक्यों और पैराग्राफों को धारण किये रखती है । यदि वह एक सिनेमा जाता है तो वह पर्दे पर होने वाले कार्यों और घटनाओं को देखकर उन्हें याद रख सकता है , जबकि बोला हुआ शब्द धूमिल हो जाता है या हल्का होकर समाप्त हो जाता है । उसकी तुलना में कान के मस्तिष्क वाला व्यक्ति पुस्तकों की अपेक्षा व्याख्यान से अधिक लाभ उठाता है , चूंकि उसकी स्मृति कानों द्वारा पकड़ी गई प्रत्येक ध्वनि को धारण करती है । वह एक वार्तालाप को वैसे ही मौखिक रूप से दोहरा सकता है लेकिन उसे वार्तालाप करने वाले व्यक्ति की आकृति का वर्णन करने में कठिनाई हो सकती है । यदि वह सिनेमा ( फिल्म ) देखता है तो शब्दों और संगीत की ध्वनि उसके साथ ठहरेगी लेकिन क्रियाओं को वह शीघ्र ही भूल जायेगा । मांसपेशी के मस्तिष्क होने से तात्पर्य है शेष इंद्रियों जैसे स्पर्श , सूंघना और चखने के द्वारा स्मृति बनाये रखना । वे लोग हममें से अधिकांश की तुलना में देखने और भाषण सुनने में बहुत पीछे रहते हैं यद्यपि इसके कई अपवाद भी होते हैं । एक दृष्टिहीन व्यक्ति , दृष्टि से वंचित होने पर प्रायः अन्य सभी इंद्रियों को एक उल्लेखनीय सीमा तक विकसित कर लेता है । यह तथ्य महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह जटिल परीक्षणों के बिना ही बतला देता है कि प्रत्येक इंद्री का विकास किया जा सकता है और उसे सिद्ध किया जा सकता है ।यह समझना आवश्यक है कि कोई भी मानव शत प्रतिशत न तो आंख के मस्तिष्क वाला या कान के मस्तिष्क वाला या मांसपेशी के मस्तिष्क वाला होता है । प्रायः हम इन सभी गुणों को रखते हैं , और प्रश्न तो केवल मात्र यही होता है कि एक व्यक्ति में इनमें से किस की प्रधानता है । हम जानते हैं कि लगभग 60 से 80 प्रतिशत व्यक्ति आंख के मस्तिष्क वाले होते हैं , जबकि शेष व्यक्ति अन्य दो श्रेणियों में होते हैं । उन लोगों में से जो प्रमुखतया कान वाले मस्तिष्क के होते हैं , संगीतज्ञ सब से ज्यादा होते हैं , विशेषकर वे लोग जो एक रचना को जिसे उन्होंने सुना है , दोहरा सकते हैं । यह रोचक जानकारी है कि पशुओं में भी ये तीन श्रेणियां पाई जाती है । उदाहरणार्थ , चील का मस्तिष्क पूर्णतया उसकी शानदार दृष्टि पर निर्भर होता है , जो कि बहुत ऊंचाई से भी अपने शिकार को देख लेती है । हिरण का मस्तिष्क प्रमुखतया उसके कानों पर आधारित होता है जो किसी भी चीज की तनिक सी आहट को पकड़ लेता है , जबकि कुत्ते की सूंघने की इंद्री बहुत विकसित होती है जो उसकी देखने और सुनने की शक्तियों से भी बढ़कर होती है । यद्यपि किसी सामग्री को सीखने और याद करने का हमारा तरीका बहुत सीमा तक हमारी श्रेणी पर निर्भर करता है , तथापि यह आश्चर्यजनक तथ्य है कि बहुत कम लोग यह जानते हैं कि वे किस श्रेणी के हैं । यह तो पूर्णतया प्राकृतिक ही है कि एक व्यक्ति जो प्रमुखतया आंख के मस्तिष्क वाला है , वह शक्लों को देखकर अधिकाधिक सीखने का प्रयास करता है और एक विद्यार्थी जो प्रमुखतया कान के मस्तिष्क वाला है । वह अपने समय का अधिक उत्तम उपाय तब करता है जब वह अधिक से अधिक संभव हो सकने वाले व्याख्यानों को सुनता है और अपने अध्यापक की आवाज को सुनता है । जैसा कि मैं ऊपर बतला चुका हूं कि कोई भी व्यक्ति 100 प्रतिशत आंख या कान के मस्तिष्क वाला नहीं होता , अतः जो विद्यार्थी पुस्तकों से लिखता है और जोर से पढ़ता है उसको अधिकाधिक लाभ मिलता है यदि वह ऐसा करता है तो उसका कान उसकी आंख की सहायता के लिए आता है और वह अपने मस्तिष्क तक पहुंचने की एक के बजाय दो मार्ग खोल देता है । मांसपेशी वाला व्यक्ति तभी सर्वोत्तम बनता है जबकि वह यथासंभव अधिक से अधिक लिख लेता है । यदि वह आंख और मांसपेशी वाले मस्तिष्क का व्यक्ति है तो वह अपनी पुस्तकों से नकल कर सकता है । यदि वह कान और मांसपेशी वाले मस्तिष्क वाला व्यक्ति है तो उसे भाषण सुनते समय नोट्स लेने चाहिए । जो भी हो एक व्यक्ति के लिए यह जानना लाभप्रद रहता है कि वह किस श्रेणी का है और उसे उसके अनुसार अपने सीखने और याद करने को संचालित करना चाहिए । जैसा कि मैं ऊपर बतला चुका हूं , जहां तक ग्रहण का संबंध है , ऐसे अधिक लोग नहीं है जो अपनी श्रेणियों को जानते हों । एक संगीतज्ञ से यह पूछिये कि वह कैसे एक रचना को याद करता है , अधिकतर मामलों में वह कहेगा कि , ' मुझे मालूम नहीं है । लेकिन यदि आप जोर दें कि वह बतलाये कि उसके मस्तिष्क में क्या चल रहा है जबकि वह वाद्ययंत्र को बजा रहा है , तो आपको विभिन्न प्रकार के उत्तर सुनने को मिल सकते हैं ।हैं तो अच्छा होगा ) , को लिखे जो उसके मस्तिष्क में आता हो जब वह आपके बोलने पर एक शब्द को सुनता हो । 

यहां दस शब्द हैं - Wall , cake , book , noise , file , river , letter , bind , flag सिंह और hat इन शब्दों को देखिये जिन्हें आपके प्रतियोगी ने लिखा है । सामान्यतया दो संभावनाएं हैं ( a ) उसने इस प्रकार के शब्द लिखे होंगे 

1. Picture , paper , ceiling

 2. Flour , sugar , icing 

3. Page , illustration , test 

4. Propelfer , music , serene 

5. Paper , drawer , box 

6. Water , boat , fishing

 7 . Envelope, stamp, typewriter

8. Feater , wings , egg

 9. Cloth , mast , signal 

10. Ribbon , straw , felt .

 ( b ) उसने शब्दों को इस प्रकार लिखा होगा -

 1. Hall , ball , value , valt 

2. Make , bake 

3. Look , book , bag 

4. Pose , choice , moist 

5. Pile , mile , fine , fire 

6. Liver , ginger 

7 . Letter, ladder, ledger, lecture

8. Flirt , Hurt , Birth

 9. Bag , drag

 10. Bat , chat , flat Envelope , stamp , typewriter Letter , ladder , ledger , lecture

ये सभी शब्द केवल उदाहरण हैं और आपके प्रतियोगी द्वारा लिखे गए शब्दों की विविधता असीमित हो सकती है । लेकिन उसका जैसा भी प्रत्युत्तर रहा हो , उसके उत्तर के सर्वेक्षण से यह पता चलेगा कि क्या अधिकतर शब्द पहले समूह के हैं या वे दूसरे समूह के हैं । आप देखेंगे कि प्रथम समूह में मेरे द्वारा दिये गये शब्द ऐसे हैं जो कल्पना रखने वाला व्यक्ति देख सकता है जैसे- wall , cake , book , आदि । द्वितीय समूह में दिए गए शब्द ऐसे हैं जो इन शब्दों की ध्वनि के समान हैं जिन्हें आपने उसे बोला था । अतः यदि आप अपने प्रतियोगी के कागज को चैक करें तो आपको उसके द्वारा लिखे गए और उसे दिए गए शब्दों की तुलना करनी चाहिए । यदि आप प्रतियोगी के कागजों को चैक करें तो आपको उसके द्वारा लिखे गए और आप द्वारा उसे बोले गए शब्दों की तुलना करनी चाहिए । यदि आप पायें कि अधिकतर शब्द पहले समूह के हैं तो आपका प्रतियोगी प्रमुखतया आंख के मस्तिष्क वाला है । यदि आप पायें कि अधिकतर शब्द दूसरे वर्ग के हैं तो आपका प्रतियोगी प्रमुखतया कान के मस्तिष्क वाला है । इन दोनों समूहों के शब्दों को चैक करके आप उसके आंख के मस्तिष्क और कान के मस्तिष्क का अनुमानित प्रतिशत भी जान सकते हैं । आप यह भी देख सकते हैं कि आपके प्रतियोगी के लिए परीक्षण के प्रयोजन को पहले से न जानना क्यों लाभप्रद रहा है । यदि वह उसे पहले से जानता होता तो वह उन शब्दों के समूह संबंध के बारे में जागरूक हो गया होता । वह यह देखने का ध्यान रखता है कि क्या वह देखने वाले शब्द समूहों को दे रहा है या सुनने वाले शब्द समूहों , और ऐसा ध्यान रखना परीक्षण के उद्देश्य के लिए हानिकर है ।...

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