स्मृति मैकेनिज्म

 


स्मृति क्या है ? याद करने पर क्या परिणाम महसूस होता है ? हम कैसे स्मरण करते हैं ? क्या आपने अपनी स्मृति से स्मृति के बारे में प्रश्न किया है ? 

उत्तर : स्मृति और कुछ नहीं बल्कि नये विचार तथा नयी सूचनाओं का संबंध , पहले से ही दिमाग में सुरक्षित विचारों तथा सूचनाओं के साथ तालमेल बैठाना है । संबंध का नियम हम नई चीजें तभी सीख पाते हैं जब दिमाग में पहले से ही सुरक्षित चीजों के साथ इन नई चीजों की श्रृंखला जोड़ लेते हैं । इन्हीं विविध आंकड़ों का संबंध ही स्मृति है । उदाहरण के लिए आप कभी अपने स्कूल की बिल्डिंग के पास से गुजरते हैं तो आपको पिछली सारी बातें स्मरण हो आती हैं । क्योंकि स्कूल बिल्डिंग आपके पुराने अनुभवों को याद कराती है । स्कूल बिल्डिंग किसी न किसी रूप में आपके अनुभव से जुड़ी हुई है ।

 श्रृंखला विधि 

मान लीजिए आप निम्नलिखित शब्द इसी क्रम में याद रखना चाहते हैं ।

 1. कुत्ता 2. जुते 3 मूवी 4 ड्रेगन 5. साईकिल 6. टेलीफोन 7. पेन 8 कोल्ड ड्रिंक 9 . चीता 10. टेप रिकार्डर 

विधि 1 -एक तरीका याद करने का यह भी हो सकता है । बार बार दोहराया जाए । यह दोहराना पच्चीस बार भी हो सकता है । पूरे तौर पर याद होने में 2-3 दिन भी लग सकते हैं ।

 विधि 2-दूसरा तरीका यह है कि दो शब्दों में संबंध बनाया जाए । उदाहरण के लिए , सोचो कुत्ता जूते पहन कर मूवी देखने जा रहा है । जिसमें ड्रेगन है । मूवी में ड्रेगन साईकिल चला रहा है । साइकिल टेलीफोन बूथ से टकरा जाती है । एक आदमी पैन के सिरे से टेलीफोन की मरम्मत कर रहा है । अब जरा सोचो कि पैन में इंक की जगह कोल्डड्रिंक भरा हुआ है । आप कोल्डड्रिंक चीते को परोस रहे हैं । चीता टेपरिकार्डर की धुन पर नाच रहा है ।

 क्या तुम्हें इसे दुबारा पढ़ने की आवश्यकता है ? क्या यह आसान नहीं है ? निश्चित रूप से विधि 2 ज्यादा बेहतर है विधि 1 की अपेक्षा । लेकिन दोनों में एक चीज सामान्य है वह है संबंध । पहली विधि में ये शब्द , अवचेतन दिमाग में पहले से उपस्थित शब्दों के साथ अपने आप संबंध बिठा लेते हैं । लेकिन बाद में किसी स्तर पर आप शब्दों के क्रम को स्मरण करने में चूक भी सकते हैं । जबकि दूसरी विधि के अंतर्गत आप शब्दों में संबंध बैठाने का जान बूझकर प्रयास करते हैं । जोकि एक चेतन अवस्था होती है । चेतन अवस्था में बैठाया गया संबंध अवचेतन अवस्था से बेहतर होता है । निष्कर्ष : जो कुछ नया याद करना चाहते हैं उसका संबंध हमेशा किसी अन्य के साथ बैठाने की कोशिश करें । 

महत्त्वपूर्ण संकेत : चेतना पूर्ण संबंधता

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